Osho Vaani

  • Budha
  • Happiness
  • Lao Tzu
  • Life
  • Love
  • Meditation
  • Mulla Nasruddin
  • Osho Jokes
  • Quotes
  • Religion
Home» Life»निन्यानबे(99) का फेर! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi
निन्यानबे(99) का फेर

निन्यानबे(99) का फेर! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

osho.vaani.radio@gmail.com 10 Mar 2022 Life Leave a comment 311 Views

Facebook Twitter Stumble linkedin Pinterest WhatsAppt Telegram Email Print More

एक सम्राट  का एक नौकर था, नाई था उसका। वह उसकी मालिश करता, हजामत बनाता। सम्राट बड़ा हैरान होता था कि वह हमेशा प्रसन्न, बड़ा आनंदित, बड़ा मस्त! उसको एक रुपया रोज मिलता था।

एक सम्राट  का एक नौकर था, नाई था उसका। वह उसकी मालिश करता, हजामत बनाता। सम्राट बड़ा हैरान होता था कि वह हमेशा प्रसन्न, बड़ा आनंदित, बड़ा मस्त! उसको एक रुपया रोज मिलता था। बस, एक रुपया रोज में वह खूब खाता-पीता, मित्रों को भी खिलाता-पिलाता। सस्ते जमाने की बात होगी। रात जब सोता तो उसके पास एक पैसा न होता; वह निश्चिन्त सोता। सुबह एक रुपया फिर उसे मिल जाता मालिश करके। वह बड़ा खुश था! इतना खुश था कि सम्राट को उससे ईर्ष्या होने लगी। सम्राट भी इतना खुश नहीं था। खुशी कहां! उदासी और चिंताओं के बोझ और पहाड़ उसके सिर पर थे। उसने पूछा नाई से कि तेरी प्रसन्नता का राज क्या है? उसने कहा, मैं तो कुछ जानता नहीं, मैं कोई बड़ा बुद्धिमान नहीं। लेकिन, जैसे आप मुझे प्रसन्न देख कर चकित होते हो, मैं आपको देख कर चकित होता हूं कि आपके दुखी होने का कारण क्या है? मेरे पास तो कुछ भी नहीं है और मैं सुखी हूँ; आपके पास सब है, और आप सुखी नहीं! आप मुझे ज्यादा हैरानी में डाल देते हैं। मैं तो प्रसन्न हूँ, क्योंकि प्रसन्न होना स्वाभाविक है, और होने को है ही क्या?
वजीर से पूछा सम्राट ने एक दिन कि इसका राज खोजना पड़ेगा। यह नाई इतना प्रसन्न है कि मेरे मन में ईर्ष्या की आग जलती है कि इससे तो बेहतर नाई ही होते। यह सम्राट हो कर क्यों फंस गए? न रात नींद आती, न दिन चैन है; और रोज चिंताएं बढ़ती ही चली जाती हैं। घटता तो दूर, एक समस्या हल करो, दस खड़ी हो जाती हैं। तो नाई ही हो जाते।
वजीर ने कहा, आप घबड़ाएं मत। मैं उस नाई को दुरुस्त किए देता हूँ।
वजीर तो गणित में कुशल था। सम्राट ने कहा, क्या करोगे? उसने कहा, कुछ नहीं। आप एक-दो-चार दिन में देखेंगे। वह एक निन्यानबे रुपये एक थैली में रख कर रात नाई के घर में फेंक आया। जब सुबह नाई उठा, तो उसने निन्यानबे गिने, बस वह चिंतित हो गया। उसने कहा, बस एक रुपया आज मिल जाए, तो आज उपवास ही रखेंगे, सौ पूरे कर लेंगे!
बस, उपद्रव शुरू हो गया। कभी उसने इकट्ठा करने का सोचा न था, इकट्ठा करने की सुविधा भी न थी। एक रुपया मिलता था, वह पर्याप्त था जरूरतों के लिए। कल की उसने कभी चिंता ही न की थी। ‘कल’ उसके मन में कभी छाया ही न डालता था; वह आज में ही जीया था। आज पहली दफा ‘कल’ उठा। निन्यानबे पास में थे, सौ करने में देर ही क्या थी! सिर्फ एक दिन तकलीफ उठानी थी कि सौ हो जाएंगे। उसने दूसरे दिन उपवास कर दिया। लेकिन, जब दूसरे दिन वह आया सम्राट के पैर दबाने, तो वह मस्ती न थी, उदास था, चिंता में पड़ा था, कोई गणित चल रहा था। सम्राट ने पूछा, आज बड़े चिंतित मालूम होते हो? मामला क्या है?
उसने कहा: नहीं हजूर, कुछ भी नहीं, कुछ नहीं सब ठीक है।
मगर आज बात में वह सुगंध न थी जो सदा होती थी। ‘सब ठीक है’–ऐसे कह रहा था जैसे सभी कहते हैं, सब ठीक है। जब पहले कहता था तो सब ठीक था ही। आज औपचारिक कह रहा था।
सम्राट ने कहा, नहीं मैं न मानूंगा। तुम उदास दिखते हो, तुम्हारी आंख में रौनक नहीं। तुम रात सोए ठीक से?
उसने कहा, अब आप पूछते हैं तो आपसे झूठ कैसे बोलूं! रात नहीं सो पाया। लेकिन सब ठीक हो जाएगा, एक दिन की बात है। आप घबड़ाएं मत।
लेकिन वह चिंता उसकी रोज बढ़ती गई। सौ पूरे हो गए, तो वह सोचने लगा कि अब सौ तो हो ही गए; अब धीरे-धीरे इकट्ठा कर लें, तो कभी दो सौ हो जाएंगे। अब एक-एक कदम उठने लगा। वह पंद्रह दिन में बिलकुल ही ढीला-ढाला हो गया, उसकी सब खुशी चली गई। सम्राट ने कहा, अब तू बता ही दे सच-सच, मामला क्या है? मेरे वजीर ने कुछ किया?
तब वह चैंका। नाई बोला, क्या मतलब? आपका वजीर…? अच्छा, तो अब मैं समझा। अचानक मेरे घर में एक थैली पड़ी मिली मुझे–निन्यानबे रुपए। बस, उसी दिन से मैं मुश्किल में पड़ गया हूं। निन्यानबे का फेर!

Life Osho Vaani ओशो वाणी निन्यानबे का फेर 2022-03-10
Tags Life Osho Vaani ओशो वाणी निन्यानबे का फेर
Previous Article :

एक सूफ़ी संत की कहानी| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Next Article :

सौन्दर्य की व्याख्या -| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Related Articles

नये समाज का आधार– भय नहीं, प्रेम – Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

नये समाज का आधार– भय नहीं, प्रेम – Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

osho.vaani.radio@gmail.com 05 Aug 2022
प्रेम पहले फिर विवाह  -| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

प्रेम पहले फिर विवाह  -| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

osho.vaani.radio@gmail.com 01 Aug 2022
अपनी जमीन खोदें ,खजाना हमेशा वहाँ मिलेगा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

अपनी जमीन खोदें ,खजाना हमेशा वहाँ मिलेगा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

osho.vaani.radio@gmail.com 18 Apr 2022

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

About OshoVaani


htmagazine
OshoVaani is dedicated to great thoughts of OSHO and his lovers. It is beautiful journey to know about your inner you, that is the most beautiful place in whole universe. Difficulties and worries are just a matter of thinking, Osho's lesson teach us to live with all not escaping from all.

Follow Osho Vaani

Subscribe Osho Vaani for latest updates

Random Posts

कनक्यूशियस की प्राचीन कथा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

कनक्यूशियस की प्राचीन कथा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

नानक के गीत की गूंज – ओशो वाणी| Osho Vaani

नानक के गीत की गूंज – ओशो वाणी| Osho Vaani

अपनी जमीन खोदें ,खजाना हमेशा वहाँ मिलेगा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

अपनी जमीन खोदें ,खजाना हमेशा वहाँ मिलेगा– Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जब अच्छे दिन नहीं रहे, तो बुरे दिन भी नहीं रहेंगे – Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जब अच्छे दिन नहीं रहे, तो बुरे दिन भी नहीं रहेंगे – Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

सौन्दर्य की व्याख्या -| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

सौन्दर्य की व्याख्या -| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

निन्यानबे(99) का फेर! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

निन्यानबे(99) का फेर! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

एक सूफ़ी संत की कहानी| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

एक सूफ़ी संत की कहानी| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

स्वयं के प्रति सच्चे और ईमानदार रहो | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

स्वयं के प्रति सच्चे और ईमानदार रहो | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

प्रेम पाप नही है! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

प्रेम पाप नही है! Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Osho Vaani |धन कमाने का श्रेष्ठ तरीका | Osho Stories In Hindi

Osho Vaani |धन कमाने का श्रेष्ठ तरीका | Osho Stories In Hindi

एक शब्द का मूल्य – ओशो वाणी| Osho Vaani

एक शब्द का मूल्य – ओशो वाणी| Osho Vaani

विवाह के सम्बंध में अजीबो-गरीब तथ्य | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

विवाह के सम्बंध में अजीबो-गरीब तथ्य | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

नसरुद्दीन की धाक जमी |नसरुद्दीन का किस्सा | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

नसरुद्दीन की धाक जमी |नसरुद्दीन का किस्सा | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जो बांधता है उसी से मुक्ति भी हो सकती है | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जो बांधता है उसी से मुक्ति भी हो सकती है | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जैसे फूल खुश दिखता है, वैसे प्रसन्न रहो| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

जैसे फूल खुश दिखता है, वैसे प्रसन्न रहो| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Budha Lakadhara – कहानी : बूढ़ा लकड़हारा – आचार्य ओशो रजनीश की कहानी | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Budha Lakadhara – कहानी : बूढ़ा लकड़हारा – आचार्य ओशो रजनीश की कहानी | Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Suicide करना है तो हमेशा के लिए करो- ओशो वाणी| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

Suicide करना है तो हमेशा के लिए करो- ओशो वाणी| Osho Vaani | Osho Stories In Hindi

स्वयं को छोड़ दो– ओशो वाणी| Osho Vaani

स्वयं को छोड़ दो– ओशो वाणी| Osho Vaani

ओशो के ये विचार जिंदगी को देखने का नजरिया ही बदल देंगे

ओशो के ये विचार जिंदगी को देखने का नजरिया ही बदल देंगे

ताओ तेह किंग—(लाओत्‍से)-ओशो की प्रिय पुस्तकें

ताओ तेह किंग—(लाओत्‍से)-ओशो की प्रिय पुस्तकें

मै मृत्यु सिखाता हूं ! ओशो वाणी| Osho Vaani –

मै मृत्यु सिखाता हूं ! ओशो वाणी| Osho Vaani –

मन का खेल-ओशो वाणी| Osho Vaani

मन का खेल-ओशो वाणी| Osho Vaani

मेरी आँखों से देखो – ओशो वाणी| Osho Vaani- 

मेरी आँखों से देखो – ओशो वाणी| Osho Vaani- 

गुरु की मौजूदगी – ओशो वाणी| Osho Vaani

गुरु की मौजूदगी – ओशो वाणी| Osho Vaani

सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है |ओशो वाणी| Osho Vaani In Hindi

सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है |ओशो वाणी| Osho Vaani In Hindi

दो पत्ते | ओशो वाणी| Osho Vaani | Osho Story in Hindi

दो पत्ते | ओशो वाणी| Osho Vaani | Osho Story in Hindi

भविष्य और अतीत कल्पित समय हैं-ओशो वाणी| Osho Vaani

भविष्य और अतीत कल्पित समय हैं-ओशो वाणी| Osho Vaani

सारी बात दृष्टि की है, दृष्टि बदलने से किस्मत बदल जाती है  – ओशो वाणी| Osho Vaani

सारी बात दृष्टि की है, दृष्टि बदलने से किस्मत बदल जाती है  – ओशो वाणी| Osho Vaani

OSHO discourse on संत Paltu Das

OSHO discourse on संत Paltu Das

सुबह उठते ही, कल्पना करें – ओशो वाणी| Osho Vaani

सुबह उठते ही, कल्पना करें – ओशो वाणी| Osho Vaani

Awaken Duality eroticism faint Life Love Marriage Mind Osho Quotes Osho Quotes Hindi Osho Vaani peace Quotes salvation Sight Truth Truth of Life women अतीत आचार्य ओशो रजनीश ओशो ओशो वाणी गौतम बुद्ध घड़ी जागरण जीवन द्वंद्व निन्यानबे का फेर परमात्मा पाप पुण्य पुरूष प्रार्थना प्रेम भविष्य मन मूर्छा मृत्यु मोक्ष विचार विवाह सकारात्मक सत्य समय सूफ़ी संत

Copyright 2022 - No right reserved, All Rights belongs to Almighty and OSHO
Privacy Policy